Monday - December 23, 2024

हडताल का कीमत 16 पैसे ?

हैदराबाद, जनवरी 8 : ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारा देकर जनता की वोट बटोरने वाली भारतीय जनता पार्टी वास्तव में अपने  सत्तासीन राज्यों में गरीबों का जीना हराम कर रही है।  भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में कुछ महीनों से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे आरटीसी के कंट्राक्ट चालकों के वेतन में महज 16 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी की है। जिस से आरटीसी कर्मचारी यूनियनों ने योगी सरकार के प्रति नाराज व्यक्त कर रहे हैं।

यूपी आरटीसी में कुल 52 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से 18 हजार लोग ही स्थायी कर्मचारी हैं। बाकी 34 हजार ठोका पद्दति यानि कांट्राक्ट एंप्लायेस के रूप में कार्य कर रहे है। उन लोगों ने 2020 से वेतन वृद्धी मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। कांट्राक्ट ड्रावर (चालक) को औसतन प्रति माह पांच हजार रुपये वेतन दिया जा रहा हैं। प्रति कांट्राक्ट चालक को किमी दूर बस चलाने के लिए रू.1.59 पैसे भुगतान किया जा रहा  हैं। हालांकि, पिछले दो वर्षों के संघर्ष के बाद, कुछ महीनों से उन लोग हडतला कर रहे है। कई बार की गई वार्ता के बाद परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने घोषणा की कि कांट्राक्ट चालक को भुगतान की जाने वाली राशि में 16 पैसे प्रति किमी की वृद्धि की जाएगी। यानी प्रत्येक किमी को 1.75 पैसे का भुगतान किया जाएगा। सरकार की इस निर्णय के बाद कांट्राक्ट ड्राइवर को  औसदन 8750 रुपए मासिक वेतन मिलेगा ।

8 हजार वेतन से कैसे परिवार चलायेंगे?

सरकार की इस घोषणा से नाराज ठेका चालक सवाल कर रहे हैं कि 8 से 9  हजार वेतन से परिवार चलायेंगे ? यूपी रोड कर्मचारी संघ के महासचिव गिरीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि महंगाई 4 गुना बढ़ गई, लेकिन सरकार 10 फीसदी भी वेतन नहीं बढ़ाई । उन्होंने एक ठेका चालक का वेतन न्यूनतम 18 हजार देने और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की । उन्होंने कहा कि स्थाई चालक को 25  हजार रुपये दिया जा रहा है। जब्कि समान कार्य करने वाले ठेका चालक को केवल आठ से नौ हजार रुपये दिया जा रहा है। । संघ के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार आरटीसी के निजीकरण की साजिश कर रही है और वे इस का सरासर विरोध करते है।

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